Friday, January 7, 2011
SOCH VICHAR: ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ ਮੇਰਾ ਬੇਲੀ
SOCH VICHAR: ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ ਮੇਰਾ ਬੇਲੀ: "ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ ਮੇਰਾ ਬੇਲੀ ਮੈਨੂੰ ਉਹ ਦਿਨ ਯਾਦ ਨਹੀਂ ਜਦ ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ 'ਘੋੜਾ' ਸੀ ਤੇ ਮੈਂ ਉਸ ਦੀ 'ਸਵਾਰੀ' ਪਰ ਉਹ ਦਿਨ ਮੈਨੂੰ ਨਹੀਂ ਭੁੱਲ ਸਕਦੇ ਜਦ ਬਾਪੂ ਦੇ ਮੋਢੇ ਚੜ੍ਹ ਦ..."
ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ ਮੇਰਾ ਬੇਲੀ
ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ ਮੇਰਾ ਬੇਲੀ ਮੈਨੂੰ ਉਹ ਦਿਨ ਯਾਦ ਨਹੀਂ ਜਦ ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ 'ਘੋੜਾ' ਸੀ ਤੇ ਮੈਂ ਉਸ ਦੀ 'ਸਵਾਰੀ' ਪਰ ਉਹ ਦਿਨ ਮੈਨੂੰ ਨਹੀਂ ਭੁੱਲ ਸਕਦੇ ਜਦ ਬਾਪੂ ਦੇ ਮੋਢੇ ਚੜ੍ਹ ਦੁਨੀਆਂ ਦੇਖੀ ਸਾਰੀ , ਕਿੱਡੀ ਵੱਡੀ ਦੌਲਤ ਸੀ ਉਹ ਛੋਟਾ ਪੈਸਾ ਜੋ ਚੱਕ ਭੱਜ ਜਾਣਾ ਤੇ ਕਰ ਜਾਣੀ ਖ਼ਾਲੀ ਬਾਪੂ ਦੇ ਹਥੇਲ਼ੀ। ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ ਮੇਰਾ ਬੇਲੀ ਮੈਨੂੰ ਤਾਂ ਉਹਨਾਂ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸਮਝ ਨਾ ਆਵੇ ਜੋ ਮਹਿਤਾ ਕਾਲੂ ਨੂੰ 'ਖਲ਼ਨਾਇਕ' ਦੱਸਦੇ ਨੇ, ਕੀ ਉਹਨਾਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਬਾਬੇ ਨਾਨਕ ਦਾ ਬਚਪਨ ਨਜ਼ਰ ਨਾ ਆਵੇ? ਉਹਨਾਂ ਉਹ ਦ੍ਰਿਸ਼ ਮਨਫ਼ੀ ਕਿਉਂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਦ ਬਾਬੇ ਦਾ ਬਾਪੂ ਮੋਢੇ ਚੱਕ ਖਿਡਾਵੇ? ਬਾਬਾ ਮਹਾਨ ਸੀ ਪਰ ਪਿਉ-ਦਿਲ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਦੀ ਕਿਸੇ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਿਉਂ ਨਾ ਕੀਤੀ? ਇਹ ਉਹਨਾਂ ਲੋਕਾਂ ਬਾਬੇ ਦੇ ਬਾਪੂ ਦੀ ਕਿਹੜੀ ਤਸਵੀਰ ਪੇਸ਼ ਕੀਤੀ? ਉਹ ਤਾਂ ਬੱਸ ਬਾਪੂ ਸੀ, ਮੇਰੇ ਬਾਪੂ ਵਰਗਾ ਜੋ ਰਹਿਣਾ ਚਾਵੇ ਆਪਣੇ ਪੁੱਤ ਨਾਲ ਵਾਂਗ 'ਸੰਗ-ਸਹੇਲੀ' । ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ ਮੇਰਾ ਬੇਲੀ ਇਤਿਹਾਸ ਵਿਚ ਬੈਠਾ ਔਰਗਜ਼ੇਬ ਬਾਪੂ ਪੱਥਰ ਦਿਲ ਸੀ ਜੋ ਆਪਣੇ ਬਾਗ਼ੀ ਪੁੱਤ** ਨੂੰ ਮਾਰ ਮੁਕਾਵੇ, ਕਦੀ ਨਾਲ ਰੌਣ ਵਾਲਾ ਪੱਥਰ ਦਿਲ ਬਾਪੂ ਆਪਣੇ ਪੁੱਤ ਦੀ ਲਾਸ਼ 'ਤੇ ਫਿਰ ਫੁੱਟ-ਫੁੱਟ ਰੋਵੇ। ਸ਼ੁਕਰ ਹੈ ! ਸਾਡੇ ਤੋਂ ਕੋਈ ਰਾਜ ਭਾਗ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਅਸੀਂ ਤਾਂ ਇਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਸੁਪਨੇ 'ਤੇ ਹੀ ਆਪਣਾ 'ਮਹਿਲ' ਬਣਾਇਆ। ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ ਤਾਂ ਓਹੀ ਬਾਪੂ ਹੈ ਜੋ ਕਦੇ ਗੰਨੇ ਦੀ ਪੋਰੀ ਛਿੱਲ ਕੇ ਦਿੰਦਾ, ਕਦੇ ਦਿੰਦਾ ਸੀ ਗੁੜ ਦੀ ਭੇਲੀ । ਮੇਰਾ ਬਾਪੂ ਮੇਰਾ ਬੇਲੀ
SOCH VICHAR: मैं हूँ एक इंसान !
SOCH VICHAR: मैं हूँ एक इंसान !: "मैं हूँ एक इंसान ! मेरा व्यक्तित्व कितना महान !! मैं नित्यानंद भी हूँ, जो अपनी सेविकावों के साथ अश्लील कार्य करता हूँ !! मैं इच्छाधारी बाब..."
मैं हूँ एक इंसान !
मैं हूँ एक इंसान !
मेरा व्यक्तित्व कितना महान !!
मैं नित्यानंद भी हूँ,
जो अपनी सेविकावों के साथ अश्लील कार्य करता हूँ !!
मैं इच्छाधारी बाबा भी हूँ जो ,
स्कूली लड़कियों से लेकर एयर -होस्टेस सब को
अपने रैकेट में शामिल कर लेता हूँ !
मैं वो साइबर कैफे भी हूँ ,
जहा स्कूली लड़कियां स्कूल जाने के बहाने आकर अपनी ड्रेस बदल कर ,
अपने बॉय फ्रेंड्स के साथ सारा दिन घूमने के बाद,
फिर से आकर और ड्रेस पहेन कर अपने घर वापस जाती हैं !!
मैं वो शमसान भी हूँ जो गवाह हैं ,
लावारिश लाशो के साथ हुए बलात्कार का !!
मैं वो मंदिर भी हूँ ,
जहा आगे निकलने की होड़ में ,
लोग अपनी मर्यादा लाँघ जाते हैं !!
मैं वो जेल भी हूँ ,
जहाँ यैयाशी के सारे सामान आसानी से उपलब्ध हैं !!
मैं वो T२० की हरी हुई टीम भी हूँ .
जिसे हारने के बाद भी 3 करोड़ मिलते हैं .
पता नहीं ये हारने का इनाम है या
उस देश में जाकर मौज मस्ती करने का !!
मैं वो जनता भी हूँ ,
जो ये जानती है की किये गए वादे झूठे हैं ,
पर फिर भी उसी पार्टी को वोट करती हूँ !!
मैं वो वाहन चालक भी हूँ ,
जो बिना हेलमेट के पकडे जाने पैर .
चालान कटवाने से ज्यदा 50/- देने मैं विस्वास रखता हूँ !!
मैं वो भाई वो पिता वो माँ भी हूँ ,
जो सिर्फ इसलिए अपनी बहिन /बेटी और
दामाद को मार देते हैं की विवाह विजातीय था !!
मैं वो व्यवस्था भी हूँ ,
जहा अच्छे काम करने
वालो का तुरुन्त ट्रान्सफर कर देती हूँ !!
मैं वो लो - वेस्ट जींस भी हूँ ,
जो बाइक पर बैठते ही
अपने अंत: वस्त्रो का प्रदर्शन करती हूँ !!
मैं वो नग्नता भी हूँ ,
जो अब सिनेमा पटल से उतर कर सडको पर चली आई हूँ
मैं वो मूर्ति भी हूँ ,
जिसे एक नेता ने अपने जीवत रहते हुते चौराहे पर लगवा दिया !!
मैं वो औरत भी हूँ
जिसे उसके प्रेमी ने विवाह के बहाने ,
कोठे पर ला कर बेच दिया !!
मैं वो नव -विवाहिता भी हूँ ,
जिसे उसके ससुराल वालो ने
कम दहेज़ लेन के कारन जिन्दा जला दिया !!
मैं वो पुत्र भी हूँ ,
जो जायदाद के लिए
अपने पिता का खून कर देता हूँ !!
मैं वो जल भी हूँ ,
जिसके लिए लोग खून तक कर रहे हैं !!
यह तो एक झलक भर है मेरे व्यक्तित्व का .. फिर भी
मैं हूँ एक इंसान ,
मेरा व्यक्तित्व कितना महान !!
मेरा व्यक्तित्व कितना महान !!
मैं नित्यानंद भी हूँ,
जो अपनी सेविकावों के साथ अश्लील कार्य करता हूँ !!
मैं इच्छाधारी बाबा भी हूँ जो ,
स्कूली लड़कियों से लेकर एयर -होस्टेस सब को
अपने रैकेट में शामिल कर लेता हूँ !
मैं वो साइबर कैफे भी हूँ ,
जहा स्कूली लड़कियां स्कूल जाने के बहाने आकर अपनी ड्रेस बदल कर ,
अपने बॉय फ्रेंड्स के साथ सारा दिन घूमने के बाद,
फिर से आकर और ड्रेस पहेन कर अपने घर वापस जाती हैं !!
मैं वो शमसान भी हूँ जो गवाह हैं ,
लावारिश लाशो के साथ हुए बलात्कार का !!
मैं वो मंदिर भी हूँ ,
जहा आगे निकलने की होड़ में ,
लोग अपनी मर्यादा लाँघ जाते हैं !!
मैं वो जेल भी हूँ ,
जहाँ यैयाशी के सारे सामान आसानी से उपलब्ध हैं !!
मैं वो T२० की हरी हुई टीम भी हूँ .
जिसे हारने के बाद भी 3 करोड़ मिलते हैं .
पता नहीं ये हारने का इनाम है या
उस देश में जाकर मौज मस्ती करने का !!
मैं वो जनता भी हूँ ,
जो ये जानती है की किये गए वादे झूठे हैं ,
पर फिर भी उसी पार्टी को वोट करती हूँ !!
मैं वो वाहन चालक भी हूँ ,
जो बिना हेलमेट के पकडे जाने पैर .
चालान कटवाने से ज्यदा 50/- देने मैं विस्वास रखता हूँ !!
मैं वो भाई वो पिता वो माँ भी हूँ ,
जो सिर्फ इसलिए अपनी बहिन /बेटी और
दामाद को मार देते हैं की विवाह विजातीय था !!
मैं वो व्यवस्था भी हूँ ,
जहा अच्छे काम करने
वालो का तुरुन्त ट्रान्सफर कर देती हूँ !!
मैं वो लो - वेस्ट जींस भी हूँ ,
जो बाइक पर बैठते ही
अपने अंत: वस्त्रो का प्रदर्शन करती हूँ !!
मैं वो नग्नता भी हूँ ,
जो अब सिनेमा पटल से उतर कर सडको पर चली आई हूँ
मैं वो मूर्ति भी हूँ ,
जिसे एक नेता ने अपने जीवत रहते हुते चौराहे पर लगवा दिया !!
मैं वो औरत भी हूँ
जिसे उसके प्रेमी ने विवाह के बहाने ,
कोठे पर ला कर बेच दिया !!
मैं वो नव -विवाहिता भी हूँ ,
जिसे उसके ससुराल वालो ने
कम दहेज़ लेन के कारन जिन्दा जला दिया !!
मैं वो पुत्र भी हूँ ,
जो जायदाद के लिए
अपने पिता का खून कर देता हूँ !!
मैं वो जल भी हूँ ,
जिसके लिए लोग खून तक कर रहे हैं !!
यह तो एक झलक भर है मेरे व्यक्तित्व का .. फिर भी
मैं हूँ एक इंसान ,
मेरा व्यक्तित्व कितना महान !!
JAB SAANJH DHAL CHUKI HAI to kyoon na raat ho
Sazde ke liye uthta hai yeh dast hazar bar
per soch ke ruk jate hoon
kisko karoon salam
un ke aane ka guman sa hota hai
na jane kitni bar
par sochta hoon
shayad haseen khwab na ho
mani theen manntain
jo un-ke eh-le-karam keen
ab to hai yahi aarzoo
woh khuda ko na yaad hon
hai gardishe ayyam kuch raas yoon ayya
ab to hai yahi iltza
ab aur koe kukam na ho
umeedon ki lash pe hai khadi zar-zar-e zindgi
hai kaun is-ka wali
na maloom kab rooh fana ho
zadd-jahad kya kre 'GHayal' AB MAUT SE
JAB SAANJH DHAL CHUKI HAI
kyoon na raat ho
per soch ke ruk jate hoon
kisko karoon salam
un ke aane ka guman sa hota hai
na jane kitni bar
par sochta hoon
shayad haseen khwab na ho
mani theen manntain
jo un-ke eh-le-karam keen
ab to hai yahi aarzoo
woh khuda ko na yaad hon
hai gardishe ayyam kuch raas yoon ayya
ab to hai yahi iltza
ab aur koe kukam na ho
umeedon ki lash pe hai khadi zar-zar-e zindgi
hai kaun is-ka wali
na maloom kab rooh fana ho
zadd-jahad kya kre 'GHayal' AB MAUT SE
JAB SAANJH DHAL CHUKI HAI
kyoon na raat ho
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