" !! धन्यवाद ज्ञापन ही
"धन्य त्रियोदसी"
यानी कि धनतेरस का उद्देश्य है.
आज के दिन ही एक लम्बे निर्वासन के बाद भगवान् राम जो नैतिकता /
मर्यादा के प्रतीक माने जाते हैं अपने स्थान पर वापस आये थे. इसे
प्रतीकात्मक रूप से बोला जाए तो today after a long exile
virtues ( नैतिकता / मर्यादा ) returned home. This story
relates to Ram's exile and his return to Ayodhya. इस
धन्यभाव के "धन्य" का अपभ्रंश हो कर "धन" होगया . अब धन प्रधान
समाज में धनतेरस है. सरकारी दफ्तरों मैं , अदालत के पेशकारों मैं ,
सत्ता के दलालों मैं , साहूकारों की गद्दी पर धनतेरस है और असली
भारत धन को तरस रहा है उसकी "धन तरस" है . !!---- धन्य त्रियोदसी
की शुभ और मंगल कामना।"
"धन्य त्रियोदसी"
यानी कि धनतेरस का उद्देश्य है.
आज के दिन ही एक लम्बे निर्वासन के बाद भगवान् राम जो नैतिकता /
मर्यादा के प्रतीक माने जाते हैं अपने स्थान पर वापस आये थे. इसे
प्रतीकात्मक रूप से बोला जाए तो today after a long exile
virtues ( नैतिकता / मर्यादा ) returned home. This story
relates to Ram's exile and his return to Ayodhya. इस
धन्यभाव के "धन्य" का अपभ्रंश हो कर "धन" होगया . अब धन प्रधान
समाज में धनतेरस है. सरकारी दफ्तरों मैं , अदालत के पेशकारों मैं ,
सत्ता के दलालों मैं , साहूकारों की गद्दी पर धनतेरस है और असली
भारत धन को तरस रहा है उसकी "धन तरस" है . !!---- धन्य त्रियोदसी
की शुभ और मंगल कामना।"