Monday, June 16, 2014

कहाँ जा रही है आज की पीढ़ी

दस वर्षीय पप्पू
और
उसके पड़ोस में रहने
वाली नौ-
वर्षीय
चिंकी को साथ-साथ खेलते हुए
यह एहसास हो जाता है
कि
वे एक-दूसरे से
बेहद प्यार करते हैं,
और
उन्हें शादी कर लेनी चाहिए।

पप्पू
चिंकी के पिता के पास
पहुंच जाता है,
और हिम्मत जुटाकर
कह डालता है,

"अंकल,
मैं और आपकी बेटी चिंकी
एक-दूसरे से प्यार करते हैं,
और मैं आपसे शादी के लिए
उसका हाथ मांगने आया हूं।

चिंकी के
पिता को नन्हे शरारती पप्पू की हरकत
बेहद प्यारी लगती है,
और वह डांटने के बजाए
मुस्कुराते हुए उससे
से पूछते हैं,

"यार, तुम अभी सिर्फ 10 साल के हो,
और
तुम्हारे पास घर भी नहीं है...
तुम और चिंकी रहोगे कहां?"
पप्पू तपाक से कहता है,

"चिंकी के कमरे में,
क्योंकि वह मेरे कमरे से बड़ा है,
और
वहां हम दोनों के लिए ज़्यादा जगह है...
चिंकी के पिता को अब भी
इस मासूमियत पर
प्यार आता है,
और वह फिर पूछते हैं,
"ठीक है, 

लेकिन तुम लोग गुज़ारा कैसे चलाओगे,
आखिर इस उम्र में
तुम्हें नौकरी तो मिल नहीं सकती?"

पप्पू फिर
बहुत शांत स्वर में जवाब देता है,
"हमारा जेब खर्च है ना।
उसे 50 रुपये प्रति सप्ताह मिलता है,
और मुझे 100 रुपये प्रति सप्ताह,
इस हिसाब से हम दोनों के लगभग
600 रुपये हर महीने मिल जाता है,
जो हमारी ज़रूरतों के लिए
काफी रहेगा।
चिंकी के पिता 

इस बात से भौंचक्के रह जाते हैं,
कि पप्पू ने इस विषय पर
इतनी गंभीरता से,
और इतनी आगे तक
सोच रखा है
सो,
वह सोचने लगते हैं
कि ऐसा क्या कहें
कि
पप्पू को जवाब न सूझे,
और उसे
इस उम्र में चिंकी से
शादी न करने के लिए
समझाया जा सके

कुछ देर बाद वह
फिर मुस्कुराते हुए पप्पू से सवाल करते हैं,
"यह बहुत अच्छी बात है, बेटे,
कि तुमने इतनी अच्छी तरह
सब प्लान किया हुआ है,
लेकिन यह बताओ,

कि
अगर
तुम दोनों के बच्चे हो गए,
तो क्या
यह जेबखर्च कम
नहीं पड़ेगा?"
पप्पू ने 

इस बार भी तपाक से जवाब दिया,
"अंकल, हम बेवकूफ नहीं हैं...
जब आज तक नहीं होने दिए,
तो
आगे भी रोक ही लेंगे।

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